श्रवण सिंह

लेखक का जन्म ६ सितम्बर १९७५ को पटना में हुआ। लेखक ने आइ. एस. एम. ,धनबाद से अभियांत्रिकी में डिग्री ली।

इनको कुछेक साल इधर-उधर (कुछेक जाने-माने बड़े नामों के साथ) व्यर्थ करने के पश्चात इस रूटीन ज़िन्दगी की व्यर्थता का शिद्दत से अहसास हो गया और तत्पश्चात कुछ लीक से हट के चलने वाले शौक की (बुद्धत्व व कैवल्य की ) प्राप्ति हो गई।

आजकल अहमदाबाद में बच्चों को अभियंता बनाने की फैक्ट्री , माने कोचिंग संस्थान चला रहे हैं। लिखने-पढने का शौक बचपन से रहा। जो मिल जाए, पठनीय है और उसे पढ़ लेना चाहिए- इस विचारधारा का मुरीद हैं।

साहित्य की लगभग हर विधा मे हाथ साफ कर लेते हैं। पर मुख्यतः स्वान्तः सुखाय ही रही हैं अभी तक । हाँ यार-दोस्त मुफ्त के मजे लूट जाते हैं- ये तो वैसे भी उनके अधिकार-क्षेत्र में आता है।

दिल में क्रान्तिकारी विचार(वामपंथी नही) रखते हैं... आजकल की शिक्षा प्रणाली के घनघोर आलोचक हैं। अपने विचारों के अनुरूप एक स्कूल खोलना चाहते हैं।

और अन्तिम बात - इनके मन बाबा बनने की भी तमन्ना भी कुलाँचे मारती है, और इनका मानना है कि इनको रोकने वाले ये कौन होते हैं।


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इनकी तिथि- १५वीं